अभी दो दिनों पहले ही समाचार पढ़ा कि एक कलयुगी बेटे ने अपने माता-पिता को सिर्फ इसलिए मार डाला कि उन्होंने 25 लाख रुपये बेटे को नहीं दिए। बेटा पैतृक संपत्ति में से हिस्सा के रूप में ये रुपए मांग रहा था। पिता के इनकार करने पर उसने साजिश रची और तीर्थ यात्रा पर जा रहे माता-पिता की कार में सपेरे से सांठ गांठ कर विषैले सांप छोड़ दिए। सांपों ने उन्हें डस लिया और उनकी मौत हो गई। घटना नागपुर की है। हालांकि पुलिस ने दो सपेरों, आरोपी पुत्र और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है।
इसे कलयुग कहें या फिर मानवता का गिरता स्तर की बच्चे अपने मां-बाप के खून के प्यासे हो रहे हैं। अतित में जहां श्रवण कुमार अपने दृष्टीहीन मां-बाप को कावड़ में तीर्थ यात्रा पर ले गया था वहीं इस कलयुगी कपूत ने ऐसी घिनौनी हरकत की है कि सोच कर भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
पाश्चात्य संस्कृति आज इस कदर हावी हो गई है कि भोग विलास की जिदंगी जीने के लिए इनसान किसी भी हद तक जाने को आतूर है। टीवी, सिनेमा आज यही सब कुछ परोस रहा है जहां से लोग कु-प्रेरित हो कर समाज को कलंकित कर है।
और अंत में
कुछ दिनों पहले मेरे पास एक एसएमएस आया था। हालांकि इस एसएमएस का कहानी से कोई तारतम्य नहीं है लेकिन बात तो जरा सी ही है..... एसएमएस कुछ यूं था
मां तब रोती थी जब बेटा रोटी नहीं खाता था
मां अब भी रोती है जब बेटा रोटी नहीं देता......
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ब्लाग के रंगो के साथ समस्या है इसे ठीक करें मे भाई ।
ReplyDeletesahi kaha apne ye kalyug hai
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