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Monday, April 19, 2010

जेल की काल कोठरी उनका इंतजार कर रही है....


जेसिका लाल हत्याकांड में हाईकोर्ट से सजा पाए कांग्रेसी नेता के सुपुत्र मनु शर्मा की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से एक बात तो साफ है कि लोगों का न्याय पर विश्वास फिर से जागेगा। इस फैसले से यह बात भी साफ हो गई कि आदमी कितना भी रसूखदार हो कानून के सामने बौना ही है।
दिल्ली के एक पब में मनु ने जेसिका को सिर्फ इसलिए गोली मार दी थी क्योंकि उसने देर रात मदिरा परोसने से मना कर दिया था। रईस के घर के लड़के अपने को किसी रियासत के युवराज से कम नहीं समझते हैं। बाप की कमाई दौलत का उन पर ऐसा नशा होता है कि वे फर्राटा भरती विदेशी कारों में उन लोगों को कुचल देते हैं जिनका कोई घर तो नहीं हैं लेकिन घर में रोने वाले बहुत है। उनका ऐसा सोचना होता है कि वे धन और बाहुबल के बल पर कुछ भी हासिल कर सकते हैं। दुनिया उनकी जेब में रहती है। मीडिया ने इस मुद्दे को जिस तरह से उछाला ये उसी का नतीजा है कि यह रईसजादा अब जिंदगी भर जेल की चक्की पिसेगा। अभी और ऐसे कई रईसजादे घूम रहे हैं जो अपने बाप की काली कमाई पर कॉलर ऊंची उठाकर अय्याशियां करते फिर रहे है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले जहां लोगों में न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास जागेगा वहीं ऐसे रईसजादों के मन डर भी पैदा होगा। अभी भी ऐसे कई रईसजादे छुट्टे सांड की तरह घूम रहे हैं उन्हें नहीं पता है कि जेल की काल कोठरी उनका इंतजार कर रही है.....।

इस फैसले के बाद जेसिका की बहन सबरीना ने बीबीसी से कहा कि मैं खुश हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया, मीडिया ने समर्थन दिया और जनता ने समर्थन दिया। जहां पावरफुल लोग होते हैं वहां न्याय की लड़ाई लंबी हो जाती है। लेकिन इन्हें सजा दिलाना नामुमकिन नहीं है।

Wednesday, April 7, 2010

ब्रेकिंग न्यूज़


एक चैनल के दफ्तर में काफी गहमा-गहमी थी। उनके प्रतिद्वंद्वी चैनल ने सानिया और शोएब की खबर ब्रेक कर दी थी। बॉस न्यूज रूम में फोन पर गरिया रहा था और बचे-खुचे बाल नोंच रहा था। रिपोर्टर भी सकते में थे।
ख़ैर रिपोर्टर भी ब्रेकिंग न्यूज ढूंढने में जुट गया। थोड़ी ही देर बाद टीवी पर खबर फ्लैश हुई। शोएब-सानिया परेशान बालकनी में दिखाई दिए। शोएब की आंख में आंसू। सानिया ने रुमाल से पोछे आंसू।
तभी चैनल की एंकर लाइव टेलिकास्ट के लिए हैदराबाद में मौजूद अपने संवाददाता से बातचीत करती है।
एंकर: फिलहाल क्या खबर है?
रिपोर्टर: जी, मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि अभी कुछ देर पहले ही शोएब को सानिया के घर की बालकनी में देखा गया था। सानिया भी वहां मौजूद थीं। शोएब काफी परेशान नजर आ रहे थे। और इसी परेशानी में उनके आंसू निकल आएं।
एंकर: अच्छा, सानिया की क्या प्रतिक्रिया थी?
रिपोर्टर: जी, सानिया ने तुरंत रुमाल निकालकर उनके आंसू पोछे। मैं आपको दूं यह वही रुमाल है जिसे शोएब ने पहली मुलाकात में सानिया को गिफ्ट किया था। सानिया को रुमाल रखने का बहुत शौक है। उनके पास हजारों किस्म के रुमाल रखे हैं।
तभी बेक्र हो जाता है।

ब्रेक के बाद एंकर क्रिकेट की खबर बताती है और कहती है। चलिए ताजा जानकारी के लिए चलते सीधे हैदराबाद।

एंकर: इस वक्त वे दोनों कहां है?
रिपोर्टर: जी. इस समय वे दोनों लंच कर रहे हैं?
एंकर : क्या शाोएब के लिए कोई खास पकवान बनाया गया है?
रिपोर्टर: हमारी अभी अभी मिर्जा परिवार को खानसामे से बात हुई है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने शोएब के लिए खास तौर पर हैदराबादी बिरयानी बनाई है। शोएब को बिरयानी बहुत पसंद है। इसके अलावा,पुडिंग और रूमाली रोटी, तंदूरी चिकन वगैराह भी है।
एंकर: शुक्रिया तो ये थे हमारे संवाददाता जो हमे हैदराबाद से जानकारी दे रहे थे कि क्या कुछ चल रहा है अभी सानिया के घर में।
(ब्रेक हो जाता है।)
(एंकर फिर टीवी स्क्रीन पर दिखाई देती है।)
दर्शकों को अब तक की सबसे बड़ी के बारे में बताते हैं कि सानिया और शोएब को बालकनी में देखा गया था और शोएब के आंसू सानिया ने पोछे। ताजा जानकारी के लिए हम रुख करते हैं सीधे हैदराबाद का।
एंकर: फिलहाल क्या कोई जानकारी मिल पाई है।
रिपोर्टर: जी मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि दोनों ने शाम को घूमने जाने का प्लान बनाया है। दोनों वहां आइसक्रीम खाएंगे। क्योंकि जहां तक हमे जानकारी मिली जिस जगह वे जाएंगे वहां की आइसक्रीम सानिया को बहुत पसंद है।
स्क्रीन पर नीचे न्यूज की पट्टियां चल रहीं थीं।

घाटी में मुठभेड़ तीन जवान शहीद।
फीस न भरने पर स्कूल प्रबंधन ने बच्चों आधी रात होस्टल से निकाला।
विदर्भ में तीन किसानों ने की आत्महत्या।
गलत ट्रेक पर डालने से यात्री गाड़ी पटरी से उतरी, दो मरे।
नक्सलियों ने कहा हम चुप नहीं बैठेंगे।

Thursday, April 1, 2010

माँ अब भी रोंती है

अभी दो दिनों पहले ही समाचार पढ़ा कि एक कलयुगी बेटे ने अपने माता-पिता को सिर्फ इसलिए मार डाला कि उन्होंने 25 लाख रुपये बेटे को नहीं दिए। बेटा पैतृक संपत्ति में से हिस्सा के रूप में ये रुपए मांग रहा था। पिता के इनकार करने पर उसने साजिश रची और तीर्थ यात्रा पर जा रहे माता-पिता की कार में सपेरे से सांठ गांठ कर विषैले सांप छोड़ दिए। सांपों ने उन्हें डस लिया और उनकी मौत हो गई। घटना नागपुर की है। हालांकि पुलिस ने दो सपेरों, आरोपी पुत्र और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है।
इसे कलयुग कहें या फिर मानवता का गिरता स्तर की बच्चे अपने मां-बाप के खून के प्यासे हो रहे हैं। अतित में जहां श्रवण कुमार अपने दृष्टीहीन मां-बाप को कावड़ में तीर्थ यात्रा पर ले गया था वहीं इस कलयुगी कपूत ने ऐसी घिनौनी हरकत की है कि सोच कर भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
पाश्चात्य संस्कृति आज इस कदर हावी हो गई है कि भोग विलास की जिदंगी जीने के लिए इनसान किसी भी हद तक जाने को आतूर है। टीवी, सिनेमा आज यही सब कुछ परोस रहा है जहां से लोग कु-प्रेरित हो कर समाज को कलंकित कर है।
और अंत में
कुछ दिनों पहले मेरे पास एक एसएमएस आया था। हालांकि इस एसएमएस का कहानी से कोई तारतम्य नहीं है लेकिन बात तो जरा सी ही है..... एसएमएस कुछ यूं था
मां तब रोती थी जब बेटा रोटी नहीं खाता था
मां अब भी रोती है जब बेटा रोटी नहीं देता......